🏏 रांची क्रिकेट की सच्चाई – धोनी के शहर में क्रिकेट क्यों संघर्ष कर रहा है?
जब “रांची” का नाम लिया जाता है तो सबसे पहले दिमाग में महेंद्र सिंह धोनी का नाम आता है – वह खिलाड़ी जिसने न सिर्फ भारतीय क्रिकेट को नई पहचान दी, बल्कि छोटे शहर के हर क्रिकेटर को बड़ा सपना देखने की हिम्मत दी। लेकिन दुख की बात यह है कि जिस रांची ने भारत को धोनी जैसा लीजेंड दिया, वहीं रांची आज क्रिकेट की बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है।

रांची की हकीकत – सपना बड़ा, व्यवस्था कमजोर
बहुत से लोग सोचते हैं कि रांची क्रिकेट के लिए सबसे बेहतरीन जगहों में से एक है। लेकिन जब कोई खिलाड़ी या माता-पिता वास्तविकता देखते हैं, तो सच्चाई सामने आ जाती है:
❌ ज़्यादातर क्रिकेट अकादमियों के पास अपना ग्राउंड नहीं
❌ घास (Grass Wicket) तो दूर, कच्ची पिचों पर प्रैक्टिस
❌ टर्फ पिच की भारी कमी
❌ इनडोर प्रैक्टिस फैसिलिटी नहीं
❌ फील्डिंग के लिए मैदान नहीं
❌ स्ट्रक्चर और प्रबंधन की कमी
❌ क्वालिफाइड कोचिंग सिस्टम की कमी
यह स्थिति देखकर एक बड़ा सवाल उठता है –
“धोनी के शहर में क्रिकेटर कैसे तैयार होगा?”
झारखंड में सपना बड़ा है, पर रास्ता टूटा हुआ
यह बहुत दुख की बात है कि रांची के युवा खिलाड़ी इतना टैलेंट होने के बाद भी सुविधाओं की कमी में अपना करियर खो देते हैं। ज्यादातर बच्चों को JSCA स्टेडियम को देखकर मोटिवेशन तो मिलता है, लेकिन सवाल यह है:
👉 क्या एक बिगिनर खिलाड़ी वहाँ प्रैक्टिस कर सकता है?
👉 क्या हर बच्चा JSCA तक पहुँच पाता है?
👉 क्या स्टार्टिंग लेवल क्रिकेट के लिए कोई मजबूत सिस्टम है?
जवाब – नहीं।
बदलाव की ज़रूरत – रांची को सोचना होगा
अगर रांची को सच में धोनी की जमीन कहा जाना है, तो यहाँ की क्रिकेट अकादमियों को आगे आना होगा।
उन्हें अपने खिलाड़ियों के लिए:
✅ घास वाले मैदान (Green Ground)
✅ टर्फ विकेट और सीमेंट विकेट
✅ फुल ग्राउंड फील्डिंग प्रैक्टिस
✅ इनडोर ट्रेनिंग फैसिलिटी
✅ मैच प्रैक्टिस टूर्नामेंट
✅ प्रोफेशनल कोचिंग सिस्टम
✅ स्पोर्ट्स साइंस और फिटनेस सपोर्ट
जैसी सुविधाएँ उपलब्ध करानी होंगी।
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निष्कर्ष
आज यह सवाल हर माता-पिता और खिलाड़ी के मन में है:
“क्या रांची में क्रिकेट करियर बनाया जा सकता है?”
जवाब है – हाँ, लेकिन इसके लिए सोच बदलनी होगी, सिस्टम बदलना होगा और इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करना होगा।
Ranchi Cricket Academy का उद्देश्य सिर्फ ट्रेनिंग देना नहीं, बल्कि रांची की क्रिकेट संस्कृति को बदलना है। हमें शुरुआती स्तर से खिलाड़ियों को सही माहौल देना होगा ताकि अगला धोनी रांची से ही निकले – लेकिन इस बार संघर्ष से नहीं, सिस्टम से।
